जीणभक्त अनूठे ढंग से मनाएंगे नववर्ष 2010
सालासर, खाटूश्याम, तिरूपति बालाजी, सिद्धि विनायक सहित देश के 2010 मंदिरों में लगाएंगे लड्डू का भोग और करेंगे स्वस्थ भारत की कामना
चूरू, 18 दिसंबर। आने वाले नए वर्ष की पहली सुबह सीकर जिले में स्थित जीणमाता धाम एक अनूठे व भव्य समारोह का साक्षी बनेगा, जब दुनियाभर के मशहूर 2100 विभिन्न ब्रांड्स की अगरबत्तियां वहां स्थित जीणमाता मंदिर और हर्ष पर्वत पर स्थित हर्षनाथ मंदिर के माहौल में खुशबू बिखेरेंगी। अखिल भारतीय जीणमाता सेवा संघ सूरत की ओर से सबल, स्वस्थ, सक्षम और सुरक्षित भारत की कामना के साथ किया जा रहा यह कार्यक्रम देश को स्वाइन फ्लू और कन्या भ्रूण हत्या जैसे दैत्यों से मुक्ति के संदेश के लिए समर्पित रहेगा। समारोह में देशभर के जीणमाता श्रद्धालु भाग लेंगे।
आयोजक संघ के संरक्षक श्री शरद खंडेलवाल ने समारोह की जानकारी देते हुए बताया कि कन्या भू्रण संरक्षण के संदेश के साथ संघ द्वारा समय-समय पर विशेष आयोजन किए जाते रहे हैं, जिनका मकसद लोगों में कन्या भ्रूण हत्या से पैदा होने वाले सामाजिक और सांस्कृतिक दुष्परिणामों से अवगत कराना और नारी समाज के प्रति लोगों के दृष्टिकोण को बदलने का प्रयास करना है। इसी उद्देश्य के साथ-साथ स्वाइन फ्लू से मुक्ति की कामना से इस बार नए वर्ष पर यह अनूठा कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसके तहत एक जनवरी को सुबह दुनियाभर के 2100 ब्रांड्स की अगरबत्तियां सीकर स्थित जीणमाता मंदिर और हर्षनाथ मंदिर में जलाई जाएंगी। इसके अलावा संघ की ओर से देश के विभिन्न 2010 मंदिरों में एक जनवरी को लड्डू का भोग लगाकर नए साल का उत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर, जम्मू-कश्मीर के वैष्णोदेवी मंदिर, सालासर बालाजी, खाटूश्यामजी, जीणमाता, रामेश्वरम, शाकंभरी मंदिर, रामेश्वरम सहित देशभर के प्रख्यात 2010 मंदिरों में यह आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दोनों ही आयोजनों की तैयारियां जोरों पर हैं। देश-विदेश मे रह रहे जीणमाता के श्रद्धालुओं द्वारा अगरबत्ती के पैकेट भिजवाए जा रहे हैं तथा 2010 मंदिरों की सूची भी तैयार की जा रही है। आयोजनों में शामिल होनेे के लिए 09375925709 पर संपर्क किया जा सकता है।
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Friday, December 18, 2009
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