Wednesday, November 18, 2009

ईलाज से ज्यादा बचाव कारगर - डॉ के के पाठक

१८ नवंबर। जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने कहा है कि स्वाइन फ्लू से बचने के लिए ईलाज से ज्यादा बचाव के उपाय ही कारगर हैंं। जिला कलक्टर मंगलवार को स्थानीय नर्सिंग प्रशिक्षण में आयोजित बैठक में खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, प्रमुख चिकित्साधिकारियों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर स्वाइन फ्लू की तीन श्रेणियों की चर्चा करते हुए जिला कलक्टर डॉ पाठक ने कहा कि सर्दी, जुकाम, दस्त के साथ तेज बुखार भी हो तो टेमीफ्लू की दवा देवें। लोगों के साथ हाथ मिलाने से बचें और सर्दी जुकाम के रोगी घर से बाहर न निकलेंं। नमक के पानी से गरारे करें। उन्होंने चिकित्सकों को एन ९५ मास्क उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर ओसेल्टेमिवीर का सीरप उपलब्ध नहीं हो, वहां पर कैप्सूल को खोलकर पुड़िया बनाकर देवें। इस मौके पर जिला कलक्टर ने टीबी की समीक्षा रिपोर्ट देखकर कहा कि रोगियों को स्पूटम टेस्ट के लिए भेजें और टीबी के रोगियों को एचआईवी टेस्ट कराएं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लक्ष्य निर्धारित समय में पूरे करने की बात कही। उन्होंने सभी प्रभारियों को एमसीएचएन के दिन विजिट करने, सभी बीसीएमओ, सीएचसी व पीएचसी प्रभारियों को मंगलवार को सब सेंटरों का निरीक्षण करने तथा अनुपस्थितों की रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए। जिला मुख्यालय स्थित भरतिया अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी सीएल गहलोत ने स्वाइन फ्लू से संबंधित लक्षण, सावधानियों और जिले में दवाइयों की उपलब्धता वाले स्थानों की जानकारी दी। अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रशांत खत्राी ने परिवार कल्याण से संबंधित जानकारी समय पर भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला कलक्टर द्वारा तैयार करवाए गए ' मां के नाम पत्रा` पंपलेट के वितरण के निर्देश दिए। उन्होेंने बताया कि नसबंदी ऑपरेशन की विफलता पर ९० दिन के भीतर क्लेम किए जाने पर ही मुआवजा मिल सकेगा। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने गर्भवती महिला का पंजीयन १२ सप्ताह में कराने, तीन एएनसी जांच करवाने, सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने, जेएसवाई का भुगतान कराने, पूर्ण टीकाकरण कराने आदि छह इंडीकेटरों पर बल दिया।

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